अंतरजातीय जोड़ों की सम्मान हत्याओं से रक्षा
भारत में सत्तर प्रतिशत शादियां आज भी लोगों के माता-पिता की सहमति से होती हैं पर वे युवा जोड़े जो अपनी मर्ज़ी से किसी दूसरी जाति के अपने प्रेमियों से शादी करने की हिम्मत करते हैं, वे ऑनर किलिंग का शिकार हो जाते हैं। पुलिस इन मामलों में ज़्यादा कुछ नहीं कर पाती।
कुछ समय पहले तक, इन प्रेमियों के पास अपने परिवार से बचने के लिए कोई जगह नहीं होती थी। पर 2010 में 'लव कमांडज़' संगठन ने इन जोड़ों की मदद करने की ठानी। क्या आज स्थिति बेहतर हुई है? क्या भारतीय समाज का नज़रिया बदलेगा? क्या ये परिवार अपने बच्चों के प्यार को स्वीकार कर पाएंगे?