पाकिस्तान में लड़कियों का पहला बॉक्सिंग क्लब
2 करोड़ की आबादी वाले कराची शहर में यूनुस कामरानी एक मशहूर शख्सियत हैं। वह पहले ऐसे कोच हैं जिन्होंने न सिर्फ लड़कों बल्कि लड़कियों को भी बॉक्सिंग सिखाने की हिम्मत की, ऐसे समाज में जहां लोग उम्मीद करते हैं कि महिलाएं घर में रहें और घर के काम संभालें। यूनुस अक्सर बॉक्सिंग टूर्नामेंट का आयोजन करते हैं, जिसमें युवा एथलीट भाग लेते हैं। यूनुस का सपना है कि किसी दिन उनकी बॉक्सिंग क्लब से कोई लड़की ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीते। बॉक्सिंग क्लब की स्थापना करने का विचार उन्हें कैसे आया? मुस्लिम लड़कियों की बॉक्सिंग सीखने की वजह क्या है? और पाकिस्तान के पुरुष अपनी बेटियों, बहनों और बहुओं के लिए इस तरह के जुनून को किस नज़रिए से देखते हैं? जानें इन सवालों के जवाब हमारी फिल्म “हिजाबी मुक्केबाज़” से।