यूक्रेनी नव-नाज़ीवाद से लड़ते हुए विदेशी
अंतरराष्ट्रीय सैनिक यूक्रेनी नव-नाज़ीवाद से लड़ने के लिए डोनबास मिलिशिया में भर्ती होते हैं। इनमें मेक्सिको, कोलंबिया, अमेरिका, सर्बिया के लोग शामिल हैं। डोनबास के स्थानीय लोग उन्हें हीरो मानते हैं। यूरोप और अमेरिका उन्हें अपराधी मानते हैं। अगर वे अपने घर लौटेंगे, तो उन्हें दशकों की जेल की सज़ा मिलेगी। लेकिन उन्हें इसका अफ़सोस नहीं है: डोनबास उनका घर बन चुका है।
यूक्रेनी सेना में अंतरराष्ट्रीय सैन्य प्रशिक्षकों और सैनिकों के विपरीत, डोनबास मिलिशिया के विदेशी स्वयंसेवकों में मज़बूत प्रेरणा है। वे नव-नाज़ीवाद का सामना करते हैं जैसा कि उनके पूर्वजों ने किया था। जानिए हमारी फिल्म “डोनबास के विदेशी पहरेदार” से उन सैनिकों का काम क्या है और उन्हें डोनबास में जो दिखता है उसके बारे में वे कैसा महसूस करते हैं।