चुक्ची लोगों के मुताबिक, ज़िंदा रहने के लिए व्हेल का शिकार ज़रूरी है!
रूस के सुदूर उत्तर पूर्व में चुकोतका नाम का एक क्षेत्र है। वहां लगभग 16,000 चुक्ची यानी स्थानीय निवासी रहते हैं। चुकोतका के लोगों का आहार और आजीविका, लगभग पूरी तरह से सील, वॉलरस और सबसे विवादास्पद रूप से व्हेल जैसे समुद्री जीवों के शिकार पर निर्भर करती है।
कठोर ठंडी जलवायु और बंजर मिट्टी के कारण, चुकोतका में खेती करना लगभग नामुमकिन है। इसलिए यहां के लोग जीविका के लिए व्हेल के मांस पर निर्भर हैं। वे कभी-कभी कठोर चट्टानों में घोंसलों से सीगल के अंडे भी इकट्ठा करते हैं।
इंटरनेशनल व्हेलिंग कमीशन, जो विश्व स्तर पर व्हेल के शिकार को नियंत्रित करता है, चुक्ची लोगों को सालाना 136 ग्रे व्हेल का कोटा देता है। व्हेल का मांस बेचा नहीं जा सकता। इसे चुक्ची लोगों में मुफ्त में बांटा जाता है। जो मांस बच जाता है उसे बर्फ के नीचे स्टोर किया जाता है।
व्हेल का शिकार निश्चित रूप से खतरनाक है। इसमें कई लोगों की जान भी गई है। चुक्ची लोग नियमित रूप से व्हेल और वॉलरस का सम्मान करने के लिए अनुष्ठान भी करते हैं।
चुक्ची लोग, ये नहीं कहते कि उन्होंने व्हेल को “मार” दिया, बल्कि वे कहते हैं कि उन्होंने प्रकृति से "लिया"। और प्रकृति जो प्रदान करती है, वे उसके लिए हमेशा आभारी रहते हैं।
हम हड्डियों पर नक्काशी करने वाले एक कलाकार से मिले। जो व्हेल और वालरस की हड्डियों को तराशते हैं। इसके अलावा, हम एक पारंपरिक गुटुरल लोक गायक समूह से भी मिले।
8000 साल पहले चुकोतका में लोग बसे थे। ऐसी कठोर जलवायु में रहने के लिए शिकार करना आना चाहिए। क्योंकि यहां जीवन व्हेल, वालरस और सील जैसे समुद्री जानवरों के शिकार पर निर्भर करता है।
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