रूस के सब से मशहूर प्रतीक के राज़
सेंट बेसिल कैथिड्रल को 16वीं सदी में कज़ान खनाटे को हराने और रूस में शामिल करने के मौके पर बनाया गया था। इस विजय की तुलना 20वीं शताब्दी के द्वितीय विश्व युद्ध की विजय से की जा सकती है।
इस कैथिड्रल के बहुत से राज़ हैं। कहते हैं कि रूस के ज़ार इवान, जिनको हम “Ivan The Terrible” के नाम से भी जानते हैं, नहीं चाहते थे कि इस चर्च जैसी सुन्दर इमारत कहीं और बनाई जाए। इसलिए उन्होंने वास्तुकारों की आंखें, निकलवा दीं! ये भी कहते हैं कि सेंट बेसिल के खूबसूरत गुंबद, रूसी सैनिक कज़ान शहर से लाए थे। रूस में आए कुछ लोगों को ये रंगीन कैथिड्रल एक गॉथिक चर्च जैसा दिखता है, तो कुछ लोगों को इसमें ताजमहल की झलक नज़र आती है।
‘सेंट बेसिल’ इस कैथिड्रल का वास्तविक नाम नहीं है। इसे वास्तव में “The Cathedral of the Intercession on the Moat” कहा जाता है। लेकिन चर्च को अधिक सम्मान देने के लिए लोग उसे सेंट बेसिल ही बुलाते हैं। सेंट बेसिल 15-16वीं सदी के एक संन्यासी थे जिन्होंने बेहद सादा जीवन चुना। वे नंगे पांव चलते थे और कपड़े भी नहीं पहनते थे। इसलिए भगवान ने उन्हें चमत्कार करने की शक्ति प्रदान की। लोग उनसे प्यार करते थे, और कहते हैं कि खुद ज़ार इवान - द टेरिबल भी उनसे डरते थे।
सेंट बेसिल कैथिड्रल के और क्या-क्या राज़ हैं – जानिए हमारी फिल्म से!