परमाणु हमलों का सामना करने वाले मज़बूत टैंक
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिका और सोवियत यूनियन के बीच परमाणु हथियारों का मुकाबला शुरू हुआ। उस समय अमेरिका के पास दुनिया में सबसे ज़्यादा परमाणु हथियार थे। 1949 में सोवियत संघ ने अपना पहला परमाणु विस्फोट किया था। 1950 के दशक में दोनों देशों में परमाणु परीक्षण बाकायदा किए जाते थे।
हमारी सीरीज़ के पहले एपिसोड से उन टैंकों के बारे में जानिए जो संभावित परमाणु हमले का सामना कर सकते थे। इस एपिसोड में हम देखने जाएंगे रूस के कुबिंका शहर का टैंक म्यूज़ियम, जो दुनिया के सबसे बेहतरीन टैंक म्यूज़ियम में से एक है। यहां सोवियत इंजीनियरिंग के अनोखे नमूने हैं। उनमें से एक है – एक्ज़िबिट नंबर 279। ये टैंक तश्तरी जैसा दिखता है, लेकिन बहुत खतरनाक हथियार है। इस का वजन 60 टन है और टॉप स्पीड 55 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचती है।
इस बीच, अमेरिका ने M26 पर्शिंग नाम का टैंक पेश किया जिसका असली परिक्षण कोरियाई युद्ध के दौरान हुआ था। उसका खास 20 सेंटीमीटर मोटा कवच है और वो 90 मिलीमीटर तोपों से लैस है।
इन टैंकों की सारी विशेषताएं – हमारी सीरीज के पहले एपिसोड में। RTD के साथ जुड़े रहें और शीत युद्ध के हथियारों के बारे में ज़्यादा जानें!