ईंधन की कमी से देश का पतन
श्रीलंका अपने इतिहास के सबसे गंभीर संकट का सामना कर रहा है। श्रीलंका 2022 में अपना विदेशी कर्ज चुकाने में असमर्थ पहला दक्षिण पूर्व एशियाई देश बन गया है। यह कुल 51 अरब डॉलर है। रूस के खिलाफ पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों ने इस द्वीप राष्ट्र को घुटनों पर ला दिया है। तेल की तरह पेट्रोल, दवा और खाद्य पदार्थों की कीमतें आसमान छू रही हैं। फिल्म के लेखकों ने उन आम निवासियों से बात की जो महंगाई और बेरोज़गारी से जूझ रहे हैं। विशेषज्ञों और सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने देश की ढही अर्थव्यवस्था के कारणों की व्याख्या की और चिंता जताई कि श्रीलंका जैसी हालत अफ्रीका और एशिया के अन्य राज्यों में भी हो सकती है।