अपने घर की रक्षा के लिए हथियार उठाती डोनबास की बहादुर महिलाएं

अपने घर की रक्षा के लिए हथियार उठाती डोनबास की बहादुर महिलाएं

2014 से डोनबास के नागरिक हिंसा और बमबारी का सामना करते रहे। सरकार के सशस्त्र बल, जो कभी नागरिकों की सुरक्षा का ध्यान रखते थे, अब डोनबास के लोगों के खिलाफ लड़ने लगे। 'हम उस समय भी मूल रूप से यूक्रेन का हिस्सा थे, और वो नेता जिसने शहरों पर गोली चलाने और उन्हें नष्ट करने, उन पर बमबारी करने का आदेश दिया था, वो पहले से ही अपने ही लोगों के खिलाफ अपराध कर चुका था', ओल्गा कचुरा कहती हैं। वो नियमित यूक्रेनी सेना में एक अधिकारी हुआ करती थी। लेकिन यूक्रेन की सरकार के कामों की वजह से ओल्गा के पास अपनी शपथ का सम्मान करने का कोई रास्ता नहीं रहा। वो अपने घर की रक्षा के लिए मिलिशिया में शामिल हो गई और सीनियर कमांडर के रूप में सेवा करने वाली एकलौती महिला बनीं।

इस फिल्म में ओल्गा कचुरा का आखिरी इंटरव्यू है। अस्पताल से वापस जाने के रास्ते में यूक्रेन की गोलीबारी में वो मारी गईं। ओल्गा को अपने पोते-पोतियों को देखने की उम्मीद थी, लेकिन कई डोनबास महिलाओं की तरह, उन्होंने दूसरों को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। जानिए फ्रंटलाइन पर एक महिला होने का क्या मतलब है, और देखिए कि महिलाएं पुरुषों से ज्यादा मज़बूत कैसे हो सकती हैं।