यूक्रेन में विशेष अभियान पर एक गहरी नज़र
2022 की शुरुआत में, यूक्रेन ने डोनबास की सीमाओं पर 150,000 सैनिकों को जमा किया। वे डोनबास क्षेत्र पर अधिकार करने के लिए आखिरी हमले की तैयारी कर रहे थे। अमेरिकी खुफिया विभाग ने उन्हें प्रशिक्षण, हथियार और औज़ार दिए। नाटो के साथ मिल कर यूक्रेनी सैनिकों को ये भरोसा दिलाया कि रूस की सभी योजनाओं पर अमेरिका का नियंत्रण है। इससे पहले यूक्रेन ने नाटो में शामिल होने और सामूहिक विनाश के हथियार बनाने के अपने इरादे साफ कर दिए थे। अमेरिका की करतूतों और यूक्रेन के इरादों ने रूस को इस संघर्ष में शामिल होने पर मजबूर कर दिया। 24 फरवरी 2022 को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में विशेष अभियान शुरू करने का ऐलान किया।
रूस यूक्रेनी लोगों को दुश्मन के रूप में नहीं देखता। अंतरराष्ट्रीय संबंधों के MGIMO स्कूल के डीन आंद्रे शुशेंत्सोव कहते हैं – “नागरिकों, सैनिकों, हमारे विरोधियों की जान बचाने पर ज़ोर दिया जाता है। लक्ष्य था यूक्रेन के लिए ऐसी सैन्य परिस्थितियां बना देना है, कि वो आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर हो जाएं”। विशेष ऑपरेशन का मुख्य लक्ष्य डोनबास के लोगों की रक्षा करना और आक्रामक कीव शासन से रूसी सीमाओं को सुरक्षित करना था, जिसने नाटो और USA के साथ कड़े संबंध बनाए।
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