डोनबास की सरहदों से रिपोर्टिंग का अनुभव

डोनबास की सरहदों से रिपोर्टिंग का अनुभव

हर दिन युद्ध संवाददाता डोनबास के खतरनाक इलाकों में सफर करते हैं और लोगों तक सच्चाई पहुंचाने का काम करते हैं। ये पत्रकार हैं, इन्होंने किसी सैनिक स्कूल से पढ़ाई नहीं की, लेकिन फिर भी ये ज़रूरी है कि वे समझें कि सरहदों पर युद्ध क्या मोड़ ले सकता है। हथियारों की जानकारी होना भी बेहद ज़रूरी है। रिपोर्टर येवगेनी पोददूब्नी बताते हैं — “पत्रकार SBU की टार्गेट लिस्ट में शामिल हैं। मैं उनकी लिस्ट में हूं, वे आधिकारिक तौर पर मुझे खोज रहे हैं। उन्होंने इंटरपोल के लिए डाटा जमा किया है। ये बेतुकी बात है, पर अब यही सच है।” पोददूब्नी 2014 से डोनबास के आस पास के इलाकों से रिपोर्टिंग कर रहे हैं। 

येवगेनी और उनके साथियों के लिए ये काम सिर्फ नौकरी नहीं है, बल्कि सच्चाई की खोज का एक मिशन है। किसी भी मुश्किल परिस्थिती में वे अपना काम पूरा करने की हिम्मत रखते हैं। इन युद्ध संवाददाताओं को अकसर सड़कों पर सोना पड़ता है और बारी-बारी एक दूसरे की सुरक्षा के लिए जागना भी पड़ता है। ये लोग होटलों में नहीं रह सकते क्योंकि यूक्रेनी सेनाएं लगातार उन बिल्डिंगों पर गोलाबारी करती हैं जहां आम नागरिक और पत्रकार रहते हैं। 

लेकिन वो क्या बात हैै, जो जान को खतरे में डाल कर भी इन पत्रकारों को अपना काम करने के लिए प्रेरित करती है?