रूसी महिला ने लिया मंगल ग्रह पर जाने का एकतरफा टिकट
मार्स-1 प्रोजेक्ट नीदरलैंड के दो इंजीनियरों ने बनाया था, जिसका मकसद धरती से उन अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह पर भेजना था, जो अपना बचा हुआ जीवन वहीं बिताएंगे। ये लोग मंगल ग्रह पर रह कर वहां के वातावरण के बारे में जानकारी इकट्ठा करने वाले थे, जिससे भविष्य में मंगल ग्रह मानव बस्ती तैयार की जा सके।
रूस की अनास्तासिया उन चंद लोगों में से थीं, जिन्हें मार्स-1 प्रोजेक्ट के लिए चुना गया। मॉस्को की रहने वाली अनास्तासिया का धरती पर मन नहीं लगता था और उन्हें ऐसा महसूस होता था कि उनके जीवन में कोई लक्ष्य नहीं है। लेकिन जब उन्होंने इस प्रोजेक्ट के बारे में सुना, तो उन्हें ऐसा लगा कि उनका जन्म शायद यही काम करने के लिए हुआ है।
हालांकि अनास्तासिया का परिवार और उनके दोस्त, उनके इस फैसले के पक्ष में नहीं थे, लेकिन फिर भी अनास्तासिया डटी रहीं। उनकी मां कहती हैं – “बिलकुल, मैं उसे कहीं जाने नहीं दूंगी। मैं अपने बच्चे को खुद एकतरफा सफर पर कैसे भेज सकती हूं? मुझे नहीं लगता कि कोई भी मां ऐसा कर पाएगी”। आखिर वो क्या वजह थी जो उन्हें इस असंभव काम की तरफ खींच लाई? क्यों अनास्तासिया को लगता है कि मंगल ग्रह पर जाकर ही, उनका सपना पूरा होगा?