अर्जेंटीनियाई टैंगो से रूसी ओपेरा तक का सफर!

अर्जेंटीनियाई टैंगो से रूसी ओपेरा तक का सफर!

पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के माहिर कार्लोस डी’ओनोफ्रियो मूल रूप से अर्जेंटीना से हैं। लेकिन अब रूस को अपना घर बुलाते हैं। उनका रूस आना कोई संयोग नहीं था, बल्कि वे पूरी प्लानिंग के साथ अपने नए घर में आ बसे। कार्लोस अपनी रूसी पत्नी येकातेरीना से ब्यूनस आयर्स में मिले। येकातेरीना खुद सेंट पीटर्सबर्ग के मारिंस्की थियेटर में काम करती हैं और एक प्रोजेक्ट पर ब्यूनस आयर्स गईं थीं। जब थियेटर ने येकातेरीना को वापस बुलाया, तो कार्लोस ने कहा — “मैं भी चलता हूं, देखते हैं क्या होता है”। 14 साल बाद आज कार्लोस खुद मारिंस्की थियेटर में सोलो सिंगर हैं।
7 भाषाओं में शास्त्रीय संगीन गाने वाले कार्लोस के लिए रूस नया नहीं था। बचपन में उन्होंने दोस्तोयेव्सकी और गोगोल की नज़र से रूस को जाना। सेंट पीटर्सबर्ग आने के बाद उन्हें ये स्वाभाविक रूप से अपना घर लगा। कार्लोस और येकातेरीना आज एक प्यारी सी बच्ची, माशा, के माता-पिता हैं। येकातेरीना बताती हैं कि कैसे कार्लोस के आने से उनके जीवन में बड़ा बदलाव आ गया — “मुझे लगता है कार्लोस मेरे आदर्शों का मूर्त रूप बन गया है, मेरे आध्यात्मिक आदर्शों का, एक व्यक्ति, एक व्यक्तित्व और एक मर्द के तौर पर”, वे बताती हैं।
अपने पुराने घर अर्जेंटीना की यादों से जुड़े रहने के लिए कार्लोस टैंगो भी सीखते हैं। लेकिन उनका दिल तो अब रूस में ही बसा है। वे कहते हैं — “मुझे हमेशा बहुत गर्व होता है कि बेशक मैं अर्जेंटीना से हूं, लेकि