एसिड हमले के बाद का जीवन
आगरा शहर का कैफ़े शीरोज़, सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर है। वहां काम करने वाली युवा महिलाएं एक दर्दनाक अनुभव से गुज़री हैं: उन सभी पर एसिड से हमला किया गया है। उनके हमलावर अक्सर एकतरफा प्यार से प्रेरित होते थे। इन आशिकों के पागल प्रेम को ठुकराना, भारत की युवा महिलाओं के लिए खतरनाक साबित होता है। एसिड हमले के किस्से देश में दिन पर दिन बढ़ रहे हैं और हर साल कई पीड़ितों की जान भी जा रही है। जो पीड़ित महिलाएं इस हमले से उबर आती हैं, वे जीवन भर शारीरिक और भावनात्मक रूप से गहरे सदमे में रहती हैं। उन्हें ऐसा लगने लगता है की अब वो एक आम ज़िंदगी नहीं जी पाएंगी, न ही उनकी शादी होगी और न ही उन्हें कोई नौकरी देगा। लेकिन ऐसा नहीं है।
कैफ़े शीरोज़ ने इन महिलाओं को जीवनदान दिया है। ये कैफ़े एसिड हमले की शिकार हुई महिलाओं द्वारा चलाया जाता है, जिन्होंने इतनी दर्दनाक और भयानक घटना के बावजूद एक नए सिरे से अपनी ज़िंदगी की शुरुआत की। ये कैफै और इसके लोग, जिन पर ये सब बीत चुकी है, वो बाकी लोगों को सहारा और प्रोत्साहन देते हैं। पीड़ितों की मदद करने के अलावा, इस कैफे का एक और ज़रूरी मिशन है: एसिड हमलों को बंद करने की कोशिश करना और इस समस्या के बारे में जागरूकता बढ़ाना।
ये फिल्म न केवल एक भयानक अपराध की दर्दनाक कहानी सुनाती है, बल्कि सुंदरता के असली मतलब की खोज में हिम्मत, खुशी और सम्मान पाने के मायने भी सिखाती है।