ब्रूस ली का हमशक्ल, युवाओं का प्यारा, इस्लामिक कट्टरपंथियों ने तिरस्कारा
युद्ध से नष्ट हुए शहर के बीच में, वो ट्रेनिंग करते हैं और विश्व चैंपियन बनने का सपना देखते हैं। जब काबुल की सड़कों पर लोग उन्हें सेल्फ़ी लेने के लिए रोकते हैं, तो उनके फैन अब्बास अलीज़ादा को "अफ़गानी ब्रूस ली" के नाम से पुकारते हैं। वो केवल मार्शल आर्ट के कौशल में ही नहीं बल्कि दिखने में भी बिल्कुल ब्रूस ली जैसे हैं। ब्रूस ली जैसा शरीर पाने से पहले ही, अफ़गानिस्तान में सोशल मीडिया पर उनके चर्चे चारों ओर थे। ये पोस्टर बॉय अपने उन गुरुओं की कब्र पर भी जाते हैं जिन्होंने उन्हें अपने संकट से घिरे देश का हीरो बनने के लिए प्रेरित किया।
सोशल मीडिया ने उन्हें अपने शहर का सेलिब्रिटी तो बना दिया, लेकिन मशहूर होने की कीमत चुकानी पड़ती है। उनके सपनों की राह आसान नहीं है और खतरों से भरी हुई है। अफ़गानिस्तान में हर कोई उनके जीवन के तरीके को नहीं समझता। क्या वो अपने आदर्श ब्रूस ली की तरह ही, ज़िंदगी के रास्ते में आने वाली मुश्किलों से लड़ पाएंगे? क्या दुनिया उन्हें हमेशा एक महान फिल्म अभिनेता के हमशक्ल के रूप में ही पहचानेगी एवं याद रखेगी या क्या वो अपनी खुद की पहचान बना पाएंगे? लेकिन उन्हन इस सब की क्या कीमत चुकानी होगी?
मिलिए दुनिया के सबसे लोकप्रिय हमशक्लों में से एक से और जानें कि कैसे हांगकांग का एक मृत मार्शल आर्ट सुपरस्टार 21वीं सदी के अफ़गानिस्तान में असल ज़िंदगी में हीरो बन गया।