खास होना कैसा लगता है?

खास होना कैसा लगता है?

डॉक्यूमेंट्री "हम किसी से कम नहीं!" ऐसे तीन अनोखे लोगों की कहानियां सुनाती है जो जेनेटिक बीमारियों से जूझ रहे हैं, जिसने उनकी ज़िंदगियों पर गहरा असर डाला है।

मानव शरीर बहुत अनोखा होता है। ललित, ह्यूल्या और दानील उन्हीं कुछ अनोखे लोगों में से एक हैं। ललित के पूरे शरीर पर बहुत ज़्यादा बाल उगते हैं जिसकी वजह से स्कूल में उसका मज़ाक उड़ाया जाता है। बचपन से लेकर आज तक ह्यूल्या की 20 सर्जरी हुई हैं क्योंकि उनके पैर कमज़ोर थे और वे चल नहीं पाती थी। दानील का शरीर एक जेनेटिक बीमारी की वजह से, पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाया। इतनी मुश्किलों के बावजूद भी ये तीनों अपना जीवन हंसी-खुशी और ज़िंदादिली के साथ बिता रहे हैं। बाकी लोगों के लिए जेनेटिक बीमारियां चिंता का विषय हो सकती हैं, लेकिन इन लोगों के लिए ये गर्व की बात है कि वे दूसरों से अलग हैं।

हमारी डाक्यूमेंट्री में जानें उन्होंने अपने अनोखेपन को कैसे अपनाया और कैसे वे अपने ज़िंदगी जीने के जज़्बे से दूसरों के लिए एक मिसाल बने।