थिएटर कलाकार से युद्ध सिपाही बनने का सफ़र!
विक्तर पेतेंको जैसे डोनबास के कई संगीतकारों को अपने हाथ में माइक और म्यूज़िकल इंस्ट्रूमेंट यानि वाद्य यंत्र की जगह बन्दूकें उठानी पड़ी। वो और उनके जैसे कई अन्य थिएटर के कलाकार यूक्रेन में नव-नाज़ीवाद के खिलाफ लड़ने के लिए अपनी मर्ज़ी से DPR आर्मी में शामिल हो गए। सेना में भर्ती हुए इन संगीतकारों का कोडनेम उनके द्वारा बजाए जाने वाले वाद्य यंत्र पर रखा गया। इस घमासान युद्ध के बीच ये कलाकार एक संगीतकार और एक सिपाही की भूमिका कैसे निभाते हैं?