जहां धधकती आग के साथ भी रहने को मजबूर हैं लोग
भारत के झारखंड राज्य में एक छोटा सा शहर है, झरिया। इस शहर की ज़मीन के नीचे सौ सालों से एक आग धधक रही है जिसके दमघोंटू धुएं से पूरा शहर घिरा हुआ है। झरिया में भारत के सबसे समृद्ध कोयले भंडार हैं लेकिन यहां रहने वाले लोग गरीबी में डूबे हुए हैं।
कई लोगों के लिए, खदान से कोयला चुराकर बेचना, उनकी रोज़ी रोटी का एकमात्र साधन है। लेकिन ऐसे माहौल में अपने परिवार सहित रहना, सिर्फ खतरनाक ही नहीं बल्कि जानलेवा भी है। इसके बावजूद क्षेत्र में रोजगार की कमी की वजह से ज़्यादातर लोग कहीं और नहीं जाना चाहते। जो लोग यहां से चले गए हैं, वे भी बेरोज़गारी के चलते अपने पुराने ‘जलते’ घर को याद करते हैं और उस 'जहन्नुम' में लौटना चाहते हैं।
जलती आग के धुएं के बीच रह रहे इन लोगों के भविष्य में आखिर क्या लिखा है?